Inter Hindi VVI Subjective Question Exam 2023 | बिहार बोर्ड इंटर हिंदी सब्जेक्टिव प्रश्न
Q1. डायरी क्या है?
उतर. डायरी एक साहित्य है। प्रतिदिन की घटनाओं की लेखकीय प्रतिक्रिया है डायरी। डायरी में लेखक को अपनी आलोचना भी करनी पड़ सकती है। ऐसी स्थिति में तटस्थता का इमानदारी से निर्वाह नहीं हो पाती। डायरी से लेखक को कच्चा माल मिलता रहता है। लिखिए अभ्यास का एक उत्तम माध्यम है डायरी लेखन। डायरी लेखन कुछ लेखकों के लिए जीवन जीने जैसा कर्म होता है। डायरी लेखन एक जलता हुआ जंगल है तटस्थता का घोंसला नहीं डायरी संघर्ष का प्रवक्ता है।
Q2. प्रगीत क्या है?
उतर. सुख-दुख की आवेशसमय विशेष को गिने-चुने शब्दों में स्वर साधना के उपयुक्त अभिव्यक्ति देना ही गीत है प्रगित है। यह आत्मक पर प्रगित यथार्थ को प्रतिध्वनी करते हैं। आज भी प्रागीत के रूप में प्राण उसी कविता को स्वीकार किया जाता है जो निनांत व्यक्तित्व और आतपरक हो। कविता में जब गीत आत्मकथा सीमित हुई तो दूसरे में प्रगीत आत्मकथा के कुछ नए आयाम विकसित हुए। प्रगीत आत्मक का आरंभ वही है जहां कवि समाज के विरुद्ध खड़ा होता है।
Inter Hindi subjective question for exam
Q3. प्रातः काल का नभ कैसा था?
उतर. प्रातः काल का नभ नीलेसंख की तरह चमकीला एवं दिव्य है।
Q4. स्त्रयोचित गुण क्या है?
उतर. स्त्रयोचित गुण का अर्थ है स्त्रियों में अपेक्षित गुण । स्त्री विनम्रता में शोभा पाती है। कर्कसत्ता में वह आलोचना का पात्र बंद जाती है संसार में सर्वर पुरुष पुरुष है और स्त्री स्त्री। नारी समझती है कि पुरुष के गुण सीखने से उसके नारीत्व में बटा लगेगा। इसी प्रकार पुरुष भी स्त्रयोचित गुणों को अपनाकर समाज में कहलाने से घबराता है।
Q5. उषा का जादू कैसा था?
उतर. उषाकालीन अकाश के सुषमा देखते ही बनती है। प्रातः का नभ बहुत नीले संख जैसा दिव्य और प्रांजल था। भोर का नभ राख से लीपा हुआ गीले चौके रसोई के समान पवित्र था। भोर का नभ ऐसा था जैसे बहुत काली सील सिलौटी जरा से लाल केसर से धुली हुई हो। लालिमा छा गई थी। सलेट पर लाल खड़िया चौक कोई मल दे तो जैसा रंग उड़ेगा वैसा नभ का रंग था। नीले जल में किसी आदमी की हिलती हो देह जैसा नाभ था उषा का जादू जब टूटता है तो सूर्योदय हो जाता है।
Q6. चातकी किसके लिए तरसती है?
उतर. चतकी छोटी सी बूंद के लिए तरसती है।
Bihar Board Inter Hindi subjective question
Q7. दानव दुरात्मा से क्या अभिप्राय है?
उतर. इस धरती पर दानव और दुरात्मा राक्षस और उनको राक्षसी प्रवृत्ति एक से ही जन जन की भावनाओं को दलती है। इन सोसक खूनी और चोरों के खिलाफ खड़ी जनता का शीर्ष एक है। पूंजीपति दानव और पूंजीपतियों को आत्मा नहीं होती। उनमें दया का भाव नहीं होता। पैसा उनकी संवेदनाओं को मार देता है। जिस दिन जन-जन इन दोनों की दुरात्मा को ठीक से जान जाएंगे उस दिन इस धरती से उनका विनाश करने के लिए हथियार उठा लेंगे।
Q8. मानक स्वयं को बहसी और जानवर से भी बढ़कर क्यों कहता है?
उतर. सिपाही की मां शीर्षक एकांकी में मानक एक फौजी है। वह बर्मा में हिंदुस्तानी फौज की ओर से जापानी सेना से युद्ध कर रहा है। मानक और दुश्मन सिपाही एक दूसरे को घायल करते हैं। मानक भागता हुआ अपनी मां के पास आता है। दुश्मन सिपाही उसका पीछा करते हुए वहां पहुंच जाता है। माना कि मां मानक को बचाना चाहती है। इस पर दुश्मन सिपाही मानक को बहसी और जानवर कहकर पुकारता है। मानक का पैरुस जग उठता है तो घायल अवस्था में भी वह खड़ा होकर सिपाही को मारने का प्रयास करता है और क्रोध की स्थिति में वह स्वयं को बहसी और जानवर से भी बढ़कर कहता है। मानक का ऐसा कहना अतिशयोक्ति नहीं है। समय और परिस्थिति के अनुसार उसका यह कहना यथार्थ है। दर्शकों की नजर में मानक की युक्ति प्रभावकारी एवं आकर्षक है।
Inter Hindi subjective question 2023
Q9. बिसनी और मुन्नी को किसकी प्रतीक्षा है ? वह डाकिए की राह क्यों देखती है?
उतर. बिसनी को अपने सिपाही पुत्र एवं मुन्ना को सिपाही भाई की प्रतीक्षा है। वे डाकिए की राह चिट्ठी आने को देखती है। क्योंकि उसने पिछली चिट्ठी में लिखा था वह बर्मा की लड़ाई पर जा रहे हैं। मां और बेटी किसी अनिष्ट की आशंका के कारण चिट्ठी का इंतजार करते हैं।
Q10. उसने कहा था कहानी का केंद्रीय भाव क्या है?
उतर. उसने कहा था प्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि में लिखी गई कहानी है। गुलेरीजी ने लहनासिंह और सूबेदारनी के माध्यम से मानवीय संबंधों का नया रूप प्रस्तुत किया है। लहंगासिंह सूबेदारनी के अपने प्रति विश्वास से अभिभूत होता है क्योंकि उस विश्वास के न्यू में बचपन के संबंध है। सूबेदारनी का विश्वास ही लहनासिंह को उस महान त्याग की प्रेरणा देता है
Q11. जहां भय है वहां मेघा नहीं हो सकती। क्यों?
उतर. मेघा वह सकती है जिससे मनुष्य सिद्धांतों की अनुपस्थिति में भी निर्भयता पूर्वक सोचता है ताकि वह सत्य और यथार्थ को समझ सके। यदि मनुष्य भयभीत रहता है तो कभी मेघावी नहीं हो सकेगा किसी प्रकार की महत्वकांक्षी चाहे आध्यात्मिक हो या सांसारिक चिंता और भय का निर्माण करती है। जबकि ठीक इसके विपरीत निर्भीक वातावरण में मेघा का जन्म होता है। इसलिए जहां भय हैं वहां मेघा नहीं सकती ।
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Q12. धरती का छन से क्या आशय है?
उतर. लेखक कविता के मुंड में जब डायरी लिखते हैं तो शब्द और अर्थ के मध्य की दूरी निर्धारित हो जाती है। शब्द अर्थ में और अर्थ शब्द में बदलते चले जाते हैं एक दूसरे को पकड़ते छोड़ते हुए। शब्द और अर्थ का जब साथ नहीं होता तो वह अकाश होता है जिसमें रचनाएं बिजली के फूल की तरह खिल उठती है किंतु जब इनका साथ होता है तो वह धरती का छन होता है और उसमें रचनाएं जड़ पा लेती है। प्रस्फुटन का आदि स्रोत पा जाती है। अंतः यह कहना उचित है कि शब्द और अर्थ दोनों एक दूसरे के पूरक है ।
Q13. तुलसी सीता से कैसे सहायता चाहते हैं?
उतर. तुलसी सीता से वचनों से ही सहायता मांगते हैं अर्थात वाणी की सहायता मांगते हैं। सीता माता से वे कहते हैं कि यदि प्रभु मेरा नाम दशा पूछे तो यह बता देना कि मैं दीन हीन निर्बल हूं और उन्हीं का नाम लेकर अपना पेट भरता हूं।
Q14. छात्रसाल की तलवार कैसी है? वर्णन कीजिए।
उतर. प्रस्तुत कविता में महाराजा छात्रसाल की तलवार की भयंकर का चित्रण हुआ है। उनकी तलवार सूर्य की किरने के समान प्रखर और प्रचंड है। उनकी तलवार की भयंकरता से शत्रु धरा उठते हैं।
उनकी तलवार युद्ध भूमि में पलंयकारी सूर्य की किरणों की तरह मयान से निकलती है। वह विशाल हाथियों के झुंड को छन भर में काट काट कर समाप्त कर देती है। हाथियों का झुंड गहन अंधकार की तरह प्रतीत होता है जिस प्रकार सूर्य किरण के समक्ष अंधकार असम का साम्राज्य समाप्त हो जाता है कि ठीक उसी प्रकार तलवार की तेज के आगे अंधकार रूपी हाथियों का समूह भी मृत्यु को प्राप्त करता है।
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